राहुल गांधी[Rahul Gandhi] का बड़ा बयान: “अगर आप ऊंची जाति से नहीं हैं, तो आप भारत में दूसरे दर्जे के नागरिक हैं”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए एक बेहद तीखा और चर्चा में रहने वाला बयान दिया। उन्होंने कहा:

“अगर आप ऊंची जाति के नहीं हैं, तो इस देश में आपको दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है।”

राहुल गांधी

राहुल गांधी के इस बयान ने न केवल सियासी हलकों में हलचल मचा दी है,

बल्कि सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है।

यह बयान उन्होंने बिहार में एक रैली के दौरान दिया, जहां उन्होंने जाति आधारित जनगणना, सामाजिक न्याय और संविधान में समानता के अधिकारों की बात करते हुए सरकार पर सवाल उठाए।

राहुल गांधी का पूरा बयान – हिंदी में अनुवाद

“इस देश में 90 प्रतिशत लोग ओबीसी, एससी, एसटी और अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं।

लेकिन सत्ता, प्रशासन, मीडिया और कॉरपोरेट में इनकी भागीदारी बहुत कम है।

अगर आप ऊंची जाति से नहीं हैं, तो आपको इस व्यवस्था में बराबरी का अधिकार नहीं मिलता। आपसे दोयम दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार किया जाता है।”

जाति जनगणना की माँग को दोहराया

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में एक बार फिर जातिगत जनगणना की माँग को ज़ोर देकर उठाया।

उन्होंने कहा कि जब तक यह देश जान नहीं पाएगा कि किस जाति की जनसंख्या कितनी है,

तब तक सामाजिक न्याय की बात अधूरी रहेगी। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सरकार को देश की आर्थिक स्थिति का पूरा डाटा चाहिए होता है, तो सामाजिक ढांचे का डाटा क्यों नहीं?

उन्होंने कहा:

“यह सरकार कॉरपोरेट को तो सबकुछ देती है – टैक्स में छूट, जमीन, लोन माफ़ी –

लेकिन देश की असली ताक़त, किसानों, मजदूरों, पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों को हाशिए पर रखा जाता है। यह कौन सा न्याय है?”

भाजपा पर लगाया संविधान को कमजोर करने का आरोप

राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया,

उसमें सबको बराबरी का अधिकार है। लेकिन आज की सरकार उस बराबरी को खत्म करने पर तुली हुई है।

उन्होंने कहा:

“संविधान में लिखा है कि हर भारतीय को बराबरी का अधिकार है,

लेकिन आज की सरकार और उसकी नीतियाँ उस बराबरी को तोड़ रही हैं।

दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक हाशिए पर हैं।

आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है और निजीकरण के जरिए सरकारी नौकरियों को खत्म किया जा रहा है।”

विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की रणनीति

राहुल गांधी ने इस मौके पर विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की रणनीति पर भी चर्चा की।

उन्होंने कहा कि ये गठबंधन सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं बना है,

बल्कि देश में न्याय, समानता और भाईचारे को बहाल करने के लिए बना है।

“हमारी लड़ाई सत्ता की नहीं, व्यवस्था की है। हम चाहते हैं कि हर नागरिक को,

चाहे वह किसी भी जाति, धर्म या वर्ग से आता हो, बराबरी का हक़ मिले।”

राजनैतिक प्रतिक्रियाएं

राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

भाजपा नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी समाज को बाँटने की राजनीति कर रहे हैं।

भाजपा प्रवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने शासन में ही जातिवाद को बढ़ावा दिया और अब वह उसी आग को भड़काकर वोट बैंक की राजनीति कर रही है।

निष्कर्ष

राहुल गांधी का यह बयान निश्चित रूप से राजनीतिक गलियारों में बहस का मुद्दा बन चुका है। जातिगत असमानता, सामाजिक न्याय और सत्ता में भागीदारी जैसे मुद्दे लंबे समय से देश की राजनीति का हिस्सा रहे हैं। राहुल गांधी ने इन मुद्दों को फिर से केंद्र में लाकर न केवल चुनावी रणनीति को धार दी है, बल्कि सामाजिक बहस को भी नई दिशा दी है।

अब देखना यह है कि आम जनता इस मुद्दे पर क्या सोचती है और आने वाले चुनावों में इसका कितना प्रभाव पड़ेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top