योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में अवैध मदरसों और सरकारी जमीन पर हुए कब्जे के खिलाफ फिर से बुलडोजर चलाना शुरू किया है।
साथ ही नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है ताकि आतंकियों की घुसपैठ रोकी जा सके।
जानिए पूरी कार्रवाई की अंदरूनी बातें।
उत्तर प्रदेश में दोबारा शुरू हुई बुलडोजर नीति

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार एक बार फिर अपने कड़े रुख के लिए चर्चा में है।
इस बार प्रशासन ने राज्यभर में अवैध रूप से बने मदरसों और सरकारी जमीन पर कब्जा करके खड़ी की गई इमारतों पर बुलडोजर चलाना शुरू किया है।
कहाँ-कहाँ हो रही है कार्रवाई?
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, लखनऊ, बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, गोंडा, मऊ और आज़मगढ़ जैसे जिलों में सरकारी जमीन पर बनी कई संरचनाओं को चिन्हित किया गया है।
अधिकतर इमारतें बिना किसी वैध अनुमति के बनी थीं।
सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा: गंभीर मामला
बिना अनुमति के निर्माण
इन इमारतों में से कई मदरसे ऐसे थे जो बिना किसी सरकारी अनुमति या लीज के सरकारी ज़मीन पर बने थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ इमारतें जल विभाग, वन विभाग और शिक्षा विभाग की भूमि पर बनाई गई थीं।
मौलिक दस्तावेजों की जांच से खुली पोल
जिला प्रशासन ने जब राजस्व अभिलेखों और नक्शों की जांच की तो यह साफ हो गया कि इन जमीनों पर वैध स्वामित्व का कोई सबूत नहीं है।
इसके बाद प्रशासन ने एक्शन लेते हुए निर्माण हटाना शुरू कर दिया।
गैरकानूनी गतिविधियों का केंद्र बने कुछ मदरसे
खुफिया एजेंसियों का अलर्ट
खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, कुछ मदरसों में गैरकानूनी गतिविधियाँ चलने की आशंका जताई गई थी।
इनमें बच्चों को कट्टर विचारधारा की ओर प्रेरित करने, संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही और विदेशों से फंडिंग जैसे मामलों की जानकारी मिली।
विदेशी फंडिंग और संचालन पर सवाल
कुछ मदरसों को संदिग्ध विदेशी संगठनों से आर्थिक सहायता मिलने के सबूत मिले हैं।
इसके साथ ही, इनका संचालन उन लोगों द्वारा किया जा रहा था, जिन पर पहले से निगरानी रखी जा रही थी।
बुलडोजर नीति: कानून का डर और व्यवस्था की बहाली
अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की ज़ीरो टॉलरेंस नीति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले भी अपराधियों और भूमाफियाओं के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल कर चुके हैं।
यह सरकार का स्पष्ट संदेश है कि किसी को भी कानून तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
जनता में बुलडोजर सरकार की लोकप्रियता

कई लोगों ने इसे ‘बुलडोजर बाबा’ की सख्त नीति करार दिया है, जिससे न सिर्फ अवैध कब्जा हटता है,
बल्कि कानून का डर भी बना रहता है। सोशल मीडिया पर इस नीति की जमकर तारीफ हो रही है।
नेपाल बॉर्डर पर भी बढ़ी सतर्कता
सीमा पर बढ़ाई गई सुरक्षा
यूपी सरकार ने नेपाल सीमा से लगे जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब खुफिया एजेंसियों को आतंकवादी गतिविधियों की आशंका है।
SOP के तहत ड्रोन और निगरानी उपकरणों का प्रयोग
बहराइच, पीलीभीत, महराजगंज, सिद्धार्थनगर और लखीमपुर खीरी में अब ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है।
सुरक्षा बलों को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी संदिग्ध को बॉर्डर पार न करने दिया जाए।
नेपाल सीमा के आसपास जनसंख्या संतुलन बदलने की साजिश
प्रशासन को खुफिया रिपोर्ट्स से यह भी संकेत मिले हैं कि नेपाल की सीमा से सटे इलाकों में कुछ संगठन योजनाबद्ध ढंग से जनसंख्यात्मक परिवर्तन (Demographic Change) की कोशिश कर रहे थे।
इनका उद्देश्य धीरे-धीरे इन क्षेत्रों को मुस्लिम बहुल इलाकों में बदलना था
ताकि भविष्य में वहाँ की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति को प्रभावित किया जा सके।
इन साजिशों में ज़मीन खरीद, अवैध निर्माण और बाहरी लोगों को बसाने जैसी गतिविधियाँ शामिल थीं।
यही कारण है कि सरकार ने न केवल अवैध मदरसों पर कार्रवाई की, बल्कि सीमा क्षेत्रों की गतिविधियों पर भी पैनी निगरानी शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार का सहयोग और सख्त रुख
गृह मंत्रालय और एजेंसियों का सपोर्ट
केंद्र सरकार ने NIA, IB और RAW जैसी प्रमुख एजेंसियों को यूपी सरकार की मदद के लिए तैयार रहने को कहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा कि देशविरोधी ताकतों को बख्शा नहीं जाएगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि
यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत-नेपाल सीमा खुली हुई है, ऐसे में यह एक संवेदनशील क्षेत्र बन जाता है जहां से आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश कर सकते हैं।
विपक्ष का विरोध और सरकार का जवाब
राजनीतिक बयानबाज़ी तेज
विपक्षी पार्टियों जैसे समाजवादी पार्टी, AIMIM आदि ने इस कार्रवाई को एकतरफा करार देते हुए आरोप लगाया है कि केवल एक समुदाय को टारगेट किया जा रहा है।
सरकार ने बताया कानून आधारित कार्रवाई
सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई धर्म या जाति के आधार पर नहीं बल्कि नियमों के उल्लंघन के आधार पर हो रही है। अवैध निर्माण कहीं भी और किसी का भी हो, उसे हटाया जाएगा।
जनता का मिला समर्थन
सोशल मीडिया पर सकारात्मक प्रतिक्रिया
अधिकतर लोगों ने इस कार्रवाई को सही ठहराया है। उनका मानना है कि जब सरकारी ज़मीन पर कब्जा होगा और सरकार चुप बैठेगी, तो फिर अपराध को बढ़ावा मिलेगा।
न्यायप्रियता की उम्मीद
जनता उम्मीद कर रही है कि यह कार्रवाई निष्पक्ष रूप से की जाए और कानून का पालन करने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
निष्कर्ष: मजबूत प्रशासन और सुरक्षित भविष्य
योगी सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि अवैध निर्माण,
गैरकानूनी गतिविधियाँ और देश की सुरक्षा से समझौता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बुलडोजर कार्रवाई और सीमा सुरक्षा दोनों ही कदम इस दिशा में ठोस प्रयास हैं।
यदि यह अभियान पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ जारी रहता है,
तो यह उत्तर प्रदेश को सुरक्षित, संगठित और कानून आधारित समाज बनाने में एक बड़ा योगदान देगा।