मजदूर दिवस (1 मई) का इतिहास, महत्व और इसे मनाने की वजह जानें। अंतरराष्ट्रीय श्रमिक आंदोलन, भारत में इसकी शुरुआत
और आज के दौर में इसकी प्रासंगिकता को समझें।
मजदूर दिवस क्या है और यह क्यों मनाया जाता है?
छुट्टी का मतलब सिर्फ आराम नहीं, एक इतिहास है

“जब हम स्कूल में थे, तब बस छुट्टी से मतलब होता था। और अब जब नौकरी में हैं, तब भी बस छुट्टी से ही मतलब है।
हमने कभी जानने की ज़रूरत नहीं समझी कि ये मजदूर दिवस है क्या, और हमें इस दिन छुट्टी क्यों मिलती है।
बस मज़ाक में किसी अपने दोस्त का जन्मदिन मान लेते थे, उसे ‘हैप्पी बर्थडे’ कहते थे। जब वो कहता कि मेरा तो आज बर्थडे नहीं है, तब हम कहते — ‘आज लेबर डे है न!‘… और ये कहकर सब हँस पड़ते थे।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह ‘लेबर डे’ आखिर है क्या? क्यों मनाते हैं इसे? और किसके लिए इतना महत्वपूर्ण है ये दिन?
आइए जानते हैं — मजदूर दिवस का असली इतिहास, इसका महत्व, और आज के दौर में इसकी प्रासंगिकता।
मजदूर दिवस कब और कहाँ से शुरू हुआ?
शिकागो की ऐतिहासिक घटना
1 मई 1886, शिकागो (अमेरिका) के हजारों मजदूरों ने 8 घंटे कार्य दिवस की मांग को लेकर हड़ताल की।
4 मई को हुई हैमर्केट दुर्घटना में बम धमाके और पुलिस कार्रवाई में कई लोग मारे गए। यह घटना मजदूर आंदोलन का प्रतीक बन गई।
अंतरराष्ट्रीय मान्यता

1889 में सेकंड इंटरनेशनल (Second International) ने 1 मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
भारत में पहली बार मजदूर दिवस कब मनाया गया?
भारत में पहली बार 1 मई 1923 को मद्रास (अब चेन्नई) में मजदूर दिवस मनाया गया।
यह आयोजन कॉमरेड सिंगारवेलु चेट्टियार द्वारा किया गया, जिन्होंने पहली बार लाल झंडा भी फहराया — जो बाद में मजदूर आंदोलन का प्रतीक बन गया।
वर्तमान में भारत में कैसे मनाते हैं?
कई राज्यों में सरकारी अवकाश
ट्रेड यूनियनों द्वारा रैली, भाषण और कार्यक्रम
मजदूर कल्याण योजनाओं पर चर्चा
मजदूर दिवस का महत्व
1. मजदूरों के योगदान को सम्मान देना
हर क्षेत्र — निर्माण, फैक्ट्री, सफाई, ट्रांसपोर्ट — में मजदूर ही राष्ट्र की नींव हैं।
2. अधिकारों की जानकारी और जागरूकता
मजदूरों को उनके कानूनी अधिकारों जैसे न्यूनतम वेतन, कार्य के घंटे, और सुरक्षा लाभों के बारे में जानकारी मिलती है।
3. एकता और सामूहिक ताकत
यह दिन मजदूरों को एकजुट होकर अपने हक की आवाज बुलंद करने का मौका देता है।
आज के समय में मजदूरों की चुनौतियाँ
1. अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वालों को सुरक्षा नहीं
2. जेंडर वेज गैप – महिलाओं को कम वेतन
3. ठेकेदारी प्रणाली में शोषण
4. डिजिटल युग में गिग वर्कर्स की अनिश्चितता
5. स्वास्थ्य और सुरक्षा की कमी
सरकार, नियोक्ता और यूनियन की भूमिका

सरकार को चाहिए कि वो श्रम कानूनों को सख्ती से लागू करे
नियोक्ता अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन, बीमा और उचित कार्य वातावरण दें
यूनियन मजदूरों की आवाज बनें और उन्हें जागरूक करें
विश्व में कैसे मनाया जाता है मजदूर दिवस?
रूस और पूर्वी यूरोप में

मई दिवस बड़े पैमाने पर सरकारी परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के रूप में मनाया जाता है।
यूरोपीय देश
जर्मनी, फ्रांस, इटली जैसे देशों में विरोध रैलियाँ और मजदूरों की अधिकारों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
अमेरिका और कनाडा
हालांकि अमेरिका में मजदूर आंदोलन की शुरुआत हुई, वहां Labour Day सितंबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है।
मजदूर दिवस कैसे मनाएँ?
मजदूरों के संघर्षों की कहानियाँ साझा करें
स्थानीय मजदूर यूनियनों के कार्यक्रमों में भाग लें
सोशल मीडिया पर जागरूकता बढ़ाएँ
मजदूरों के लिए काम करने वाले NGO को समर्थन दें
प्रेरणादायक उद्धरण (Quotes)
“दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ; तुम्हारे पास खोने को कुछ नहीं, सिवाय जंजीरों के।”
— कार्ल मार्क्स
“श्रम ही वह शक्ति है जो सभ्यता को खड़ा करती है।“
— महात्मा गांधी

अंतिम विचार: मजदूर दिवस सिर्फ एक दिन नहीं, एक आंदोलन है
मजदूर दिवस सिर्फ अवकाश का दिन नहीं, बल्कि संघर्ष, बलिदान और सम्मान की पहचान है।
यह हमें याद दिलाता है कि किसी भी राष्ट्र की उन्नति के पीछे मजदूर की मेहनत होती है।
आइए इस 1 मई को मजदूरों को सम्मान, न्याय, और सुरक्षा दिलाने का संकल्प लें — ताकि हर दिन उनका दिन बन सके।