भारत बनाएगा अमेरिका से शक्तिशाली बंकर बस्टर बम

भारत अब अमेरिका से भी ताकतवर बंकर बस्टर बम बनाएगा जो दुश्मन के अंडरग्राउंड परमाणु ठिकानों को तबाह कर सकता है। जानिए इसकी खासियतें।

भारत अब बनाएगा अमेरिका से भी शक्तिशाली बंकर बस्टर बम

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आत्मनिर्भर भारत की ओर एक और बड़ा कदम

भारत तेजी से आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है। अब भारत एक ऐसा बंकर बस्टर बम बनाने जा रहा है जो अमेरिका के बंकर बस्टर से भी ज्यादा शक्तिशाली होगा। यह कदम भारत की रक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

क्या होता है बंकर बस्टर बम?

ज़मीन के अंदर 100 मीटर तक करता है हमला

बंकर बस्टर बम एक ऐसा विशेष बम होता है जो जमीन के अंदर गहराई में जाकर विस्फोट करता है।

यह लगभग 70 से 100 मीटर तक जमीन में प्रवेश कर सकता है और वहीं फटता है।

इसका मुख्य उद्देश्य दुश्मन के गुप्त अंडरग्राउंड ठिकानों और परमाणु हथियारों को नष्ट करना होता है।

क्यों है इसकी जरूरत भारत को?

परमाणु धमकियों से निपटने के लिए जरूरी हथियार

आज की दुनिया में जंग और तनाव लगातार बढ़ रहे हैं।

पाकिस्तान जैसे देश आए दिन परमाणु हमले की धमकी देते रहते हैं।

ऐसे में भारत को एक ऐसा हथियार चाहिए जो दुश्मन देशों के ज़मीन के नीचे छिपे परमाणु ठिकानों को निशाना बना सके।

बंकर बस्टर बम इसी कमी को पूरा करेगा।

पाकिस्तान और चीन पर बनेगा दबाव

इस बम के विकसित होने से भारत पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की गहरी सुरंगों और पहाड़ों के बीच बने बंकरों को भी नष्ट कर सकेगा।

इस खबर से पाकिस्तान में बेचैनी देखी जा रही है और वह पहले से ही डरा हुआ नजर आ रहा है।

भारत का अगला कदम: अग्नि-5 का उन्नत संस्करण

नई मिसाइल होगी ज्यादा ताकतवर

यह बंकर बस्टर बम अग्नि-5 मिसाइल का एडवांस वर्जन होगा।

हालांकि, यह अग्नि-5 से अलग एक नया वर्जन होगा, जिसमें 7,500 किलोग्राम वॉरहेड लगेगा।

यह वॉरहेड जमीन के गहरे अंदर तक जाकर विस्फोट कर सकेगा।

परमाणु हथियारों की सुरक्षा रणनीति को करेगा ध्वस्त

दुनिया में जिन देशों के पास परमाणु हथियार होते हैं, वे उन्हें खुले में नहीं रखते, बल्कि गहरी सुरंगों, पहाड़ों के बीच और मजबूत कंक्रीट संरचनाओं के अंदर छिपा कर रखते हैं। इन बंकरों पर साधारण बमों का कोई असर नहीं होता। इसीलिए, इन मजबूत संरचनाओं को तोड़ने के लिए बंकर बस्टर बम बनाए जाते हैं।

बंकर बस्टर कैसे करता है काम?

कंक्रीट की मोटी परत को चीर कर करता है विस्फोट

ये बम कंक्रीट की मजबूत परतों को भेदते हुए ज़मीन के अंदर तक प्रवेश करते हैं और वहाँ जाकर विस्फोट करते हैं। इससे दुश्मन के अंडरग्राउंड ठिकाने और हथियार पूरी तरह तबाह हो जाते हैं।

अमेरिका का उदाहरण: ईरान पर हमला

हाल ही में अमेरिका ने ईरान की फोर्डो न्यूक्लियर साइट पर 6 GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए थे। इससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम कई वर्षों तक पीछे चला गया। दरअसल, अमेरिका और इज़राइल नहीं चाहते कि ईरान परमाणु शक्ति बने। अमेरिका के पास यह अत्याधुनिक हथियार है, लेकिन इज़राइल के पास नहीं।

भारत भी इसी दिशा में कर रहा है काम

अब भारत का DRDO भी बंकर बस्टर बम विकसित करने में जुट गया है। हाल के वर्षों में भारत ने रक्षा क्षेत्र में भारी निवेश किया है। धीरे-धीरे भारत हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है।

2025-26 के रक्षा बजट में भारी इजाफा

GDP का 3% केवल डिफेंस को

साल 2025-26 के लिए भारत सरकार ने रक्षा मंत्रालय को ₹6,81,210.27 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो पिछले साल से 9.53% ज्यादा है। यह भारत की GDP का लगभग 3% है, जो यह दर्शाता है कि भारत अब रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रहा है।

भारत की प्रमुख और उन्नत मिसाइलें

भारत की कई मिसाइलें अब दुनिया में प्रसिद्ध हो चुकी हैं, जैसे:

ब्रह्मोस

शौर्य

S-400 (हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई ताकत)

भारत के पास मौजूद विभिन्न प्रकार की मिसाइलें

1. सर्फेस टू एयर मिसाइलें

2. एयर टू एयर मिसाइलें

3. सर्फेस टू सर्फेस मिसाइलें

4. बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम

5. क्रूज़ मिसाइलें

6. सबमरीन लॉन्च्ड बैलेस्टिक मिसाइलें

7. एंटी-टैंक मिसाइलें

अब भारत दूसरे देशों को भी करेगा निर्यात

भारत अब हथियारों के लिए अन्य देशों पर निर्भर नहीं है। बल्कि, अब वह खुद मिसाइल और अन्य एडवांस हथियार बना रहा है। इसके साथ ही भारत अब रक्षा उपकरणों का निर्यात भी कर रहा है और विदेशी बाजारों में भारतीय मिसाइलों की मांग तेजी से बढ़ी है।

बंकर बस्टर में आधुनिक टेक्नोलॉजी

GPS सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम से लैस

भारत का बंकर बस्टर बम जीपीएस सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम से लैस होगा। इससे यह अपने लक्ष्य तक सटीक तरीके से पहुंच सकेगा और रास्ते में आने वाली बाधाओं को पार कर सकेगा।

निष्कर्ष: भारत अब किसी से कम नहीं

बंकर बस्टर बम का निर्माण भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। इससे भारत की सैन्य शक्ति में भारी इजाफा होगा और वह दुश्मन देशों के अंडरग्राउंड खतरे को भी खत्म करने की क्षमता रखेगा। आत्मनिर्भर भारत अब रक्षा क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है।

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