भारत-पाकिस्तान युद्ध के बीच भारत सरकार ने 24 एयरपोर्ट्स बंद किए, पाकिस्तान ने गुरुद्वारे पर हमला किया और झूठा प्रचार फैलाया। जानिए कैसे भारत एकजुट होकर मुकाबला कर रहा है।
सरकार का बड़ा फैसला: 24 एयरपोर्ट बंद

भारत सरकार ने मौजूदा युद्ध की गंभीरता को देखते हुए एक बड़ा और अहम निर्णय लिया है।
15 मई सुबह 5:29 बजे तक सीमा क्षेत्र के 24 एयरपोर्ट्स को बंद करने का आदेश दिया गया है।
यह कदम सुरक्षा कारणों और सैन्य गतिविधियों को गोपनीय रखने के उद्देश्य से उठाया गया है।
भारत की सीमाओं पर इस समय तनाव का माहौल है, और सरकार किसी भी संभावित खतरे से नागरिकों को बचाना चाहती है।
पाकिस्तान की कायरता: गुरुद्वारे पर हमला
पाकिस्तान ने अपनी कायरता की सभी हदें पार करते हुए एक गुरुद्वारे को निशाना बनाया,
जिसमें गुरुद्वारे के रागी सहित कई निर्दोष श्रद्धालुओं की जान चली गई।
यह हमला ना केवल मानवता के खिलाफ था, बल्कि धार्मिक स्थलों की पवित्रता को भी ठेस पहुंचाने वाला था।
धार्मिक स्थल को निशाना बनाना युद्ध अपराध
अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत युद्ध के समय धार्मिक स्थलों को निशाना बनाना युद्ध अपराध की श्रेणी में आता है।
पाकिस्तान का यह कदम उसकी हताशा और मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है।
वह युद्धभूमि में भारतीय सेना का मुकाबला नहीं कर पा रहा है, इसलिए अब वह आम नागरिकों और धार्मिक स्थलों पर हमले कर रहा है।
पाकिस्तान का प्रोपेगेंडा: सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करना
गुरुद्वारे पर हमले के बाद पाकिस्तान ने नया प्रोपेगेंडा फैलाना शुरू कर दिया है।
उसने यह झूठ फैलाना शुरू किया कि भारतीय वायुसेना ने ही गुरुद्वारे को निशाना बनाया था।
इस दुष्प्रचार का उद्देश्य भारत के भीतर अशांति फैलाना है।
भारत में दंगा भड़काने की साजिश
पाकिस्तान का यह प्रोपेगेंडा भारत के अंदर सामाजिक तनाव पैदा करने की साजिश का हिस्सा है।
वह चाहता है कि भारत के लोग आपस में लड़ने लगें और देश के भीतर ही अस्थिरता फैले।
लेकिन भारत की जनता अब जागरूक है और पाकिस्तान की इन चालों में नहीं फंसने वाली।
देश की एकजुटता: भारत के लोग साथ-साथ खड़े
पाकिस्तान की साजिशों के बावजूद भारत के लोग एकजुट हैं।
धर्म, जाति और भाषा से ऊपर उठकर देशभक्ति की भावना हर कोने में दिखाई दे रही है।
सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक, लोग एक-दूसरे का साथ दे रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी पाकिस्तान के झूठे प्रचार का शिकार ना हो।
जम्मू में ब्लैकआउट: 9 मई की रात की रणनीति
9 मई 2025 को रात 7:45 बजे जम्मू में पूर्ण ब्लैकआउट कर दिया गया। यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया, ताकि दुश्मन देश की सेना को किसी भी प्रकार की दृष्टि सहायता ना मिल सके।
सुरक्षा प्राथमिकता में
सेना और प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए यह निर्णय लिया ताकि दुश्मन की एयर स्ट्राइक या मिसाइल अटैक की संभावनाओं को कम किया जा सके। ब्लैकआउट के दौरान आम नागरिकों से संयम बरतने और निर्देशों का पालन करने की अपील की गई थी।

पुंछ में पलायन: आम नागरिकों को निशाना बनाया गया
पुंछ क्षेत्र में हालात चिंताजनक हो चुके हैं। पाकिस्तान ने आम नागरिकों को भी निशाना बनाया, जिसके कारण वहां के अधिकतर लोग पलायन कर चुके हैं। स्कूल, घर और अस्पताल तक सुरक्षित नहीं रहे।
पलायन की त्रासदी
स्थानीय लोगों के अनुसार, बीते दिन पाकिस्तान की ओर से रिहायशी इलाकों में मोर्टार और ड्रोन से हमले किए गए, जिससे दर्जनों लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। लोगों ने जान बचाने के लिए अपना घर, जमीन, सब कुछ छोड़ दिया।
प्रधानमंत्री की उच्चस्तरीय बैठक: पूर्व सेना प्रमुखों से चर्चा
देश की सुरक्षा को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व सेना प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में युद्ध की मौजूदा स्थिति, भविष्य की रणनीति और नागरिकों की सुरक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
अनुभव का लाभ
प्रधानमंत्री ने पूर्व सेना प्रमुखों से उनके अनुभव और सलाह मांगी ताकि सैन्य और कूटनीतिक मोर्चों पर भारत की स्थिति मजबूत की जा सके। इस बैठक में रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भी मौजूद थे।
मौजूदा हालात पर निष्कर्ष

पाकिस्तान अपनी हार को देखकर अब मानवता और धर्म स्थलों को निशाना बना रहा है।
भारत सरकार पूरी तरह सजग है और हर निर्णय रणनीतिक और सुरक्षा केंद्रित है।
भारत की जनता एकजुट है और देश के खिलाफ किसी भी प्रोपेगेंडा में नहीं फंस रही।
जम्मू और पुंछ जैसे इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है।
प्रधानमंत्री स्तर पर सैन्य विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है ताकि युद्ध के हर पहलू पर मजबूत रणनीति बनाई जा सके।