भारत का सबसे बड़ा दुश्मन मसूद अजहर रोया | संदूर ऑपरेशन में 14 की मौत

संदूर ऑपरेशन में भारत ने आतंक के गढ़ पर सीधा हमला कर मसूद अजहर के 14 करीबी मारे। पूरी दुनिया, including अमेरिका, भारत के साथ खड़ी। जानिए ऑपरेशन की पूरी कहानी।

भारत

परिचय: आतंक के खिलाफ भारत का निर्णायक वार

भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो वह किसी भी सीमा तक जा सकता है।

‘संदूर ऑपरेशन’ के तहत भारत ने अपने सबसे बड़े दुश्मन माने जाने वाले आतंकवादी मसूद अजहर के घर पर हमला किया।

इस हमले में मसूद अजहर के परिवार के 14 सदस्य मारे गए। पूरी दुनिया इस कड़े लेकिन न्यायोचित कार्रवाई में भारत के साथ खड़ी दिखी।

संदूर ऑपरेशन: आतंक के गढ़ पर सीधा वार

भारतीय खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

यह ऑपरेशन पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित मसूद अजहर के घर को टारगेट करके किया गया।

अत्याधुनिक तकनीक और सटीक निशाने के साथ यह कार्रवाई की गई ताकि निर्दोष लोगों को नुकसान न पहुंचे और आतंक की जड़ पर सीधा प्रहार हो।

मसूद अजहर के परिवार की 14 लोगों की मौत

इस हमले में मसूद अजहर के घर में मौजूद 14 लोग मारे गए।

इनमें उसके भाई, भतीजे और अन्य करीबी रिश्तेदार शामिल थे।

इन सभी का संबंध जैश-ए-मोहम्मद जैसे खतरनाक आतंकी संगठन से था।

इन लोगों पर भारत सहित कई देशों में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप थे।

मसूद अजहर का टूटना: “काश मैं भी वहीं होता…”

हमले के बाद जब मसूद अजहर को अपने परिवार के लोगों की मौत की खबर मिली, तो वह फूट-फूट कर रोने लगा। उसके शब्द थे:

 “काश मैं भी वहीं होता और उनके साथ मर जाता। अब मैं क्या करूंगा?”

यह बयान बताता है कि वह मानसिक रूप से टूट चुका है।

एक समय भारत के खिलाफ ज़हर उगलने वाला यह आतंकी अब खुद पछतावे और शोक में डूबा हुआ है।

भारत को मिला वैश्विक समर्थन

इस ऑपरेशन के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को जबरदस्त समर्थन मिला है।

दुनियाभर के देशों ने भारत की इस कार्रवाई को आवश्यक और न्यायोचित बताया।

संयुक्त राष्ट्र से लेकर यूरोपीय संघ तक, सभी ने इस पर सहमति जताई कि आतंक के खिलाफ भारत का यह रुख कड़ा लेकिन सही है।

अमेरिका ने दिया खुला समर्थन

अमेरिका, जो भारत का रणनीतिक साझेदार है, उसने इस ऑपरेशन का खुलकर समर्थन किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने बयान दिया:

 “ये तो होना ही था। भारत का यह हक है कि वह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करे।”

भारत

इस बयान ने न केवल भारत के मनोबल को बढ़ाया बल्कि पाकिस्तान पर दबाव भी बनाया कि वह आतंकियों को पनाह देना बंद करे।

पाकिस्तान की स्थिति: न बोलते बन रहा, न छुपते

भारत के इस हमले के बाद पाकिस्तान वैश्विक मंच पर असहज स्थिति में आ गया है।

वह न तो खुलकर इस ऑपरेशन की आलोचना कर पा रहा है और न ही उसका बचाव कर पा रहा है।

आतंकियों को संरक्षण देने की उसकी नीति अब पूरी दुनिया के सामने उजागर हो गई है।

आतंक के खिलाफ भारत की नई नीति

भारत की यह कार्रवाई केवल एक जवाबी हमला नहीं थी, बल्कि यह एक नई नीति की शुरुआत है।

अब भारत सिर्फ आत्मरक्षा तक सीमित नहीं रहेगा,

बल्कि आतंक के स्रोतों पर जाकर वार करेगा।

यह संदेश आतंक के हर संरक्षक को साफ तौर पर भेज दिया गया है।

जनता का समर्थन: देशभक्ति की लहर

इस ऑपरेशन के बाद भारत की जनता में जबरदस्त जोश देखा गया।

सोशल मीडिया पर ‘जय हिंद’, ‘संदूर ऑपरेशन’ और ‘भारत मां की जय’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।

लोगों ने भारतीय सेना और सरकार की सराहना करते हुए कहा कि अब भारत आतंक का जवाब उसी की भाषा में दे रहा है।

राजनीतिक एकता और समर्थन

इस मुद्दे पर भारत की राजनीति भी एकजुट दिखी।

पक्ष-विपक्ष ने एक सुर में कहा कि इस ऑपरेशन से भारत ने एक साहसी और निर्णायक कदम उठाया है।

सभी ने भारतीय सुरक्षाबलों की सराहना की और कहा कि अब समय आ गया है कि आतंक के खिलाफ वैश्विक मोर्चा और मज़बूत किया जाए

निष्कर्ष: आतंक के अंत की शुरुआत

‘संदूर ऑपरेशन’ केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत के धैर्य का जवाब था,

यह उन शहीदों को श्रद्धांजलि थी जो आतंक की भेंट चढ़े।

मसूद अजहर जैसे आतंकी भले ही बच जाएं, लेकिन अब उनके लिए भी डर का नया युग शुरू हो चुका है।

भारत अब चुप नहीं बैठेगा — यह नया भारत है।

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