बिहार इन दिनों प्रकृति के कहर से कराह रहा है। पिछले 48 घंटे में आई भयानक आंधी, तूफ़ान और बिजली गिरने की घटनाओं ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। अब तक 82 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है — जिनमें से 50 से ज़्यादा लोगों की जान आसमान से गिरी बिजली ने ले ली।
सबसे ज़्यादा तबाही नालंदा ज़िले में देखने को मिली है, जहां कई गांव बर्बादी की भेंट चढ़ चुके हैं। तूफ़ानी हवाओं ने घरों की छतें उड़ा दीं, बिजली के खंभे गिर गए और खेतों में खड़ी फसलें तबाह हो गईं।

लोग खाने-पीने की ज़रूरी चीजों को तरस रहे हैं, क्योंकि रास्ते बंद हैं, बिजली ठप है और पानी की भारी किल्लत है। कई जगहों पर पेड़ गिरने और सड़कों के कट जाने से राहत दलों का पहुँचना भी मुश्किल हो गया है।
पटना, गया, समस्तीपुर और मुज़फ़्फरपुर जैसे ज़िलों से भी मौत और तबाही की खबरें आ रही हैं। अस्पतालों में घायलों की भीड़ लगी है और प्रशासन चौकन्ना हो गया है।
मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक, मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद देने का ऐलान किया गया है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले 2 दिनों तक मौसम और बिगड़ सकता है। लोगों को घरों के भीतर रहने और सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
बिहार एक बार फिर प्राकृतिक आपदा के सामने बेबस दिख रहा है। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन की कोशिशें और लोगों का हौसला मिलकर इस संकट का सामना ज़रूर करेंगे।