भारत से करारी हार के बावजूद पाकिस्तान मना रहा है जीत का जश्न।
जानिए कैसे झूठे प्रचार और पुरानी तस्वीरों से जनता को गुमराह किया जा रहा है।
“हार कर जीतने वाले को बाज़ीगर कहते हैं, और हार कर जश्न मनाने वाले को पाकिस्तान कहते हैं”

दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश होगा जो युद्ध में करारी हार के बावजूद झूठा जश्न मना रहा हो।
पाकिस्तान आज उसी राह पर चल रहा है।
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच जो संघर्ष हुआ,
उसमें पूरे विश्व ने देखा कि कैसे पाकिस्तान को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा।
लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी जनता को गुमराह कर रहा है और एक काल्पनिक जीत का जश्न मना रहा है।
सैटेलाइट तस्वीरें भी बयां कर रही हैं पाकिस्तान की हार
आज के तकनीकी युग में सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती।
सैटेलाइट की तस्वीरें और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स इस बात की गवाही दे रही हैं
कि पाकिस्तान को भारत के सामने बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा।
भारत की सैन्य कार्रवाई इतनी सटीक और प्रभावशाली थी कि पाकिस्तान के कई ठिकाने पूरी तरह तबाह हो गए।
पाकिस्तान ने खुद अमेरिका से युद्ध रोकने की गुहार लगाई
जब पाकिस्तान को यह अहसास हुआ कि वह भारत के सामने टिक नहीं सकता,
तो उसने चुपचाप अमेरिका का रुख किया और युद्ध रुकवाने की अपील की।
यह अपील खुद पाकिस्तान के कूटनीतिक हलकों से सामने आई है।
पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि वह भारत पर दबाव डाले ताकि संघर्ष को रोका जा सके।
यह एक साफ़ संकेत है कि पाकिस्तान को अपनी हार का पूरा अंदाज़ा हो चुका था और वह खुद युद्ध को रोकना चाहता था।
पाकिस्तान में जनता को गुमराह किया जा रहा है

पाकिस्तान की सरकार और मीडिया मिलकर अपनी ही जनता को मूर्ख बना रहे हैं।
जिस युद्ध में उन्हें हार मिली, उसी को ‘जीत’ बताकर जश्न मनाया जा रहा है।
झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं, पुराने चित्रों और वीडियो को नया बताकर प्रचारित किया जा रहा है।
नया गाना और झूठा प्रचार
पाकिस्तान ने एक नया देशभक्ति गाना भी तैयार किया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि उनकी वायु सेना ने भारत के फाइटर जेट गिरा दिए।
यह सब एक सुनियोजित प्रोपेगेंडा का हिस्सा है ताकि जनता को लगे कि पाकिस्तान ने भारत को हराया।
हालांकि, जो तस्वीर दिखाई जा रही है वह पुरानी है और उसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है।
यह बात खुद पाकिस्तान के कुछ ईमानदार पत्रकार और मीडिया चैनल मान चुके हैं।
लेकिन इसके बावजूद सरकार और सेना की ओर से वही झूठा प्रचार जारी है।
क्या पाकिस्तान की जनता भोली है या मूर्ख?
अब सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान की जनता इतनी भोली है कि उन्हें सच्चाई समझ नहीं आती? या फिर वे जानबूझकर झूठ को सच मानने के आदी हो चुके हैं?
ऐसा लगता है कि पाकिस्तान में एक अलग ही दुनिया बसी हुई है, जिसमें 72 हूरों का सपना दिखाकर सच्चाई से दूर रखा जाता है।
इसका फायदा वहां के नेताओं को होता है।

वे युद्ध में मिली हार को भी जीत बताकर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं और जनता उन्हें सही मान लेती है।
पाकिस्तान की चार हारें और झूठे दावे
इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ अब तक चार युद्ध लड़े हैं – 1947, 1965, 1971 और 1999 में करगिल युद्ध।
इन चारों युद्धों में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा।
1971 का युद्ध तो इतना ऐतिहासिक था कि पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए और बांग्लादेश नामक एक नया देश बना।
लेकिन आज भी पाकिस्तान की जनता यह मानती है कि उन्होंने हर युद्ध में भारत को हराया।
यह झूठ न केवल उनके नेताओं और मीडिया ने फैलाया है,
बल्कि यह वहां के शिक्षा तंत्र में भी शामिल किया गया है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी सच्चाई से दूर रखा जा सके।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी है सच्चाई की जानकारी
दुनिया के तमाम देश और संगठन इस बात को जानते हैं कि भारत ने हालिया संघर्ष में पाकिस्तान पर भारी जीत हासिल की है।
अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान जैसे कई देशों की रिपोर्ट्स और रक्षा विशेषज्ञों ने यह स्वीकार किया है कि भारत की सैन्य कार्रवाई रणनीतिक और प्रभावशाली थी।
लेकिन पाकिस्तान की जनता और सरकार अब भी आंखें मूंदे हुए हैं।
वे हार को जीत मानकर जश्न मना रहे हैं, जैसे किसी फ़िल्मी कहानी में जी रहे हों।
झूठ की बुनियाद पर बना देश, कैसे जाने सच्चाई?
पाकिस्तान की स्थापना एक धार्मिक और राजनीतिक प्रोपेगेंडा पर हुई थी, और उसी रास्ते पर वह आज भी चल रहा है।
वहां की सरकार और सेना ने हमेशा अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए झूठ का सहारा लिया है।
देश की आंतरिक समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए कभी भारत विरोधी माहौल बनाया जाता है,
कभी कश्मीर का मुद्दा उछाला जाता है, और अब जब खुद पर संकट आया, तो झूठे युद्ध विजय का भ्रम फैलाया जा रहा है।
निष्कर्ष: सच्चाई से भागना पाकिस्तान की फितरत बन गई है
भारत और पाकिस्तान के हालिया टकराव ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सच्चाई से भागना और झूठ को प्रचारित करना पाकिस्तान की नीति बन चुकी है।
वहां की सरकार और मीडिया अपनी ही जनता को धोखे में रखकर एक काल्पनिक जीत का जश्न मना रहे हैं।
लेकिन सच्चाई को ज्यादा दिन तक छिपाया नहीं जा सकता।
एक न एक दिन पाकिस्तान की जनता को भी समझ आ जाएगा कि वे जिन जीतों का जश्न मना रहे हैं,
वे असल में शर्मनाक हारें थीं।
“भारत ने अपने साहस, रणनीति और संयम से एक बार फिर साबित किया है कि सच्ची जीत जश्न में नहीं, सच्चाई में होती है। और पाकिस्तान को अब भी यह समझने की ज़रूरत है कि झूठ का महल कभी नहीं टिकता।”