पाकिस्तान कैसे झूठे प्रोपेगेंडा से दुनिया को गुमराह करता है और भारत के खिलाफ साजिशें रचता है, जानिए इस विस्तृत और तथ्यों से भरे लेख में।पाकिस्तान की झूठी दुनिया: एक ऐसा देश जो हर मोर्चे पर मजाक बन चुका है
“जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं…” – पाकिस्तान पर एक तंज
“जली को आग कहते हैं, बुझी को राख कहते हैं, और जो पूरी दुनिया में खुद ही अपनी बेइज्जती करवाए, उसे पाकिस्तान कहते हैं।” यह पंक्तियाँ आज के पाकिस्तान की सच्चाई को पूरी तरह बयां करती हैं।
एक ऐसा देश जो न सिर्फ अपने झूठे प्रचार से पूरी दुनिया को भ्रमित करना चाहता है,
बल्कि खुद अपने नागरिकों को भी गुमराह कर रहा है।
झूठ पर टिका देश: पाकिस्तान का प्रचारतंत्र

पाकिस्तान एक ऐसा देश बन चुका है जिसकी नींव ही झूठ पर टिकी है। वहां का हर बड़ा नेता, हर फौजी अफसर और यहां तक कि मीडिया तक झूठ फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इतना अधिक झूठ बोला जाता है कि कभी-कभी खुद उनके ही लोग यकीन नहीं कर पाते।
शहबाज़ शरीफ़ और फील्ड मार्शल मुनीर का फोटो विवाद
हाल ही में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने सेना प्रमुख मुनीर को एक तस्वीर भेंट की, जिसमें एक युद्ध का दृश्य दिखाया गया था। इसे पाकिस्तान ने भारत-पाक युद्ध की तस्वीर बताकर प्रचारित किया। लेकिन असलियत में वह तस्वीर चीन के पुराने युद्ध की थी, जो इंटरनेट पर पहले से ही उपलब्ध है।
पाकिस्तान का यह झूठ तुरंत ही उजागर हो गया और पूरी दुनिया में उसकी किरकिरी होने लगी। यह न सिर्फ शर्मनाक था, बल्कि इसने यह भी दिखाया कि पाकिस्तान किस हद तक झूठ के सहारे खुद को “विजेता” दिखाने की कोशिश करता है।
युद्ध नहीं, झूठ की लड़ाई लड़ता है पाकिस्तान
पाकिस्तान न तो किसी युद्ध में विजय प्राप्त कर पाया है और न ही कभी सच्चाई का साथ दिया है। वह केवल झूठ की जंग लड़ता है – अपने ही नागरिकों को बेवकूफ बनाने के लिए, और दुनिया को यह दिखाने के लिए कि वो एक “मजबूत” देश है।
प्रोपेगेंडा के तहत फील्ड मार्शल की उपाधि
भारत से हालिया तनाव के बाद पाकिस्तान ने अपने जनरल मुनीर को फील्ड मार्शल बना दिया।
यह फैसला कोई सैन्य कारणों से नहीं बल्कि पूरी तरह से प्रोपेगेंडा फैलाने और यह दिखाने के लिए लिया गया कि पाकिस्तान की “जीत” हुई है।
यह सिर्फ अपने नागरिकों को भ्रमित करने की एक और कोशिश थी।
रफाल मार गिराने का झूठा दावा
नवाज शरीफ ने तुर्की यात्रा के दौरान एक और हास्यास्पद दावा किया – उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के चार राफेल लड़ाकू विमान मार गिराए हैं।
इस झूठ का न कोई सबूत है, न कोई पुष्टि। यह दावा पूरी तरह मनगढ़ंत था और शरीफ ने जितना झूठ फैला सकते थे, फैला दिया।
मुनीर को खुश करने की कोशिशें
नवाज शरीफ अब 73 वर्ष के हो चुके हैं, लेकिन सत्ता के लिए वे आज भी सेना को खुश करने के लिए झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं।
वे जानते हैं कि पाकिस्तान की असली ताकत वहां की सेना है – जो प्रधानमंत्री बनाती भी है और हटाती भी है।
फौज के कब्जे में देश, देश के कब्जे में कुछ नहीं
पाकिस्तान में यह आम कहावत बन चुकी है – “वहां फौज नहीं देश के पास , बल्कि फौज के पास देश है।”
सेना वहां का सबसे ताकतवर संस्थान है।
जिसे चाहे जेल में डलवा दे, और जिसे चाहे प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठा दे।
भारत से चार युद्ध, चारों में शर्मनाक हार
पाकिस्तान ने भारत के साथ अब तक चार युद्ध लड़े हैं – 1947, 1965, 1971 और 1999 (कारगिल)।
चारों ही युद्धों में उसे करारी हार मिली। लेकिन अपने देश के नागरिकों को वह आज भी यही बताता है कि पाकिस्तान विजेता था।
जबकि पूरी दुनिया जानती है कि हर बार भारत ने पाकिस्तान को बुरी तरह हराया।
ऑपरेशन सिंदूर का झूठा प्रचार
जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने पाकिस्तान से सबूत मांगे कि भारत को ऑपरेशन सिंदूर में क्या नुकसान पहुंचाया,
तो उनके नेता बोले – “सोशल मीडिया देख लीजिए।”
यह जवाब ही पाकिस्तान के झूठ की पोल खोलने के लिए काफी था।
बिना शर्म के झूठ पर झूठ
आज जब भारत पूरे विश्व में तथ्यों और प्रमाणों के साथ पाकिस्तान की सच्चाई उजागर कर रहा है,
तब भी पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा।
दुनिया में कहीं कोई मजाक बन रहा है तो वह पाकिस्तान है।
भारत का बढ़ता कद और पाकिस्तान की चिंता

भारत आज वैश्विक मंचों पर तेजी से अपनी पकड़ बना रहा है।
चाहे संयुक्त राष्ट्र हो, G20 हो या SCO – हर जगह भारत की बात सुनी जा रही है।
पाकिस्तान को यह सब असहज करता है, और वह आतंकवाद व झूठे दावों के सहारे भारत की छवि को खराब करने की कोशिश करता है।
भारत के साथ कौन, पाकिस्तान के साथ कौन?
भारत का समर्थन:
अमेरिका
फ्रांस
जापान
ऑस्ट्रेलिया
UAE
इजराइल
रूस
कई अफ्रीकी और एशियाई देश
पाकिस्तान का समर्थन:
तुर्की
अज़रबैजान
चीन
लेकिन इन तीनों देशों के पाकिस्तान के साथ होने के पीछे भी स्वार्थ है, समर्थन नहीं।
चीन: कर्ज और आतंक की चाल
चीन पाकिस्तान को इसलिए समर्थन देता है क्योंकि:
1. उसने पाकिस्तान को कर्ज में डुबोकर उसकी आर्थिक हालत बिगाड़ दी है।
2. वह चाहता है कि पाकिस्तान भारत को आतंकवाद के ज़रिए परेशान करता रहे ताकि भारत विकास में पीछे रहे।
तुर्की: इस्लाम का नया ठेकेदार
तुर्की खुद को फिर से “खिलाफत” और इस्लाम का अगुवा साबित करना चाहता है।
इसी धार्मिक महत्वाकांक्षा के चलते वह पाकिस्तान का समर्थन करता है।
भले ही भारत में उसके खिलाफ प्रदर्शन हों, लेकिन तुर्की ने साफ कहा है कि वह पाकिस्तान के साथ रहेगा।
अज़रबैजान: धार्मिक आधार पर समर्थन
अज़रबैजान भी इस्लाम के नाम पर पाकिस्तान के साथ खड़ा है, हालांकि उसकी खुद की भारत के मुकाबले कोई औकात नहीं है – न आर्थिक रूप से, न सैन्य रूप से।
पाकिस्तान की गिरती साख और भारत की मजबूत स्थिति
भारत की आर्थिक, तकनीकी और सैन्य शक्ति दिन-ब-दिन बढ़ रही है। वहीं पाकिस्तान की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। वहां महंगाई चरम पर है, डॉलर खत्म हो रहा है, बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी टूट रही हैं।
पाकिस्तान की मूर्खता और भारत की चतुराई
पाकिस्तान जहां झूठ, नफरत और आतंक में उलझा है, वहीं भारत विकास, विज्ञान और वैश्विक सहयोग की राह पर अग्रसर है। पाकिस्तान के नेताओं का दिमाग सिर्फ साजिशों में चलता है, जबकि भारत की रणनीति वैश्विक शक्ति बनने की है।
न शर्म, न सुधार: पाकिस्तान की जिद्दी मानसिकता
पाकिस्तान न तो अपने इतिहास से सीखता है और न वर्तमान से। जब पूरी दुनिया उसे मजाक बना रही है, तब भी वह झूठ के सहारे खुद को ‘विजेता’ साबित करने की नाकाम कोशिश करता रहता है।
पाकिस्तान को चाहिए आत्मचिंतन
अगर पाकिस्तान को सच में सुधार चाहिए, तो सबसे पहले उसे अपने झूठ के मकड़जाल से बाहर निकलना होगा। उसे दुनिया के सामने सच्चाई स्वीकार करनी होगी, और अपनी नीतियों में बदलाव लाना होगा।
भारत अब सिर्फ एक पड़ोसी नहीं, बल्कि वैश्विक शक्ति बन चुका है। पाकिस्तान जितना जल्दी इस सच्चाई को मानेगा, उसके लिए उतना ही बेहतर होगा।
अंतिम शब्द:
पाकिस्तान आज अपने ही झूठ में उलझकर एक ऐसे रास्ते पर बढ़ रहा है, जहां से वापसी मुश्किल है। समय आ गया है कि वह अपने फौजी प्रोपेगेंडा, धार्मिक उन्माद और अंतरराष्ट्रीय झूठ का त्याग करे और एक जिम्मेदार राष्ट्र बनने की कोशिश करे।
जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक पाकिस्तान का नाम सिर्फ हंसी और बेइज्जती के लिए ही लिया जाता रहेगा।