दिल्ली/Delhi के मुस्तफाबाद में दर्दनाक हादसा: जर्जर इमारत गिरने से चार लोगों की मौत, राहत कार्य जारी

राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार देर रात एक दर्दनाक हादसा हो गया।

रात करीब 2:30 बजे एक चार मंजिला जर्जर इमारत अचानक भरभराकर गिर गई।

हादसे के समय इमारत में कई लोग सो रहे थे, जिस कारण वे मलबे में दब गए।

इस भयावह दुर्घटना में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है। मौके पर राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।

सूचना मिलते ही दमकल विभाग, पुलिस और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गईं। बचाव दल ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और अब तक कई लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया है। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।

पीड़ित का बयान

घटना में घायल हुए मोहम्मद आरिफ ने अस्पताल से बताया, “मैं अपने परिवार के साथ सो रहा था। अचानक जोरदार आवाज हुई और सब कुछ हिलने लगा। जब तक हम कुछ समझ पाते, पूरी इमारत हमारे ऊपर गिर गई

मैंने किसी तरह खुद को बाहर निकाला, लेकिन मेरी मां अब भी मलबे में फंसी हुई है।”

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह इमारत काफी समय से जर्जर स्थिति में थी।

कई बार नगर निगम को इसकी मरम्मत या ध्वस्तीकरण के लिए शिकायतें भी भेजी गई थीं,

लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इलाके के निवासी प्रशासन की लापरवाही को लेकर आक्रोशित हैं।

दिल्ली मुस्तफाबाद इमारत हादसा | मुख्य तथ्य

हादसे का समय:

रात 2:30 बजे (शनिवार)

स्थान:

मुस्तफाबाद, दिल्ली

हादसे की मुख्य वजह:

जर्जर इमारत

वैध निर्माण

अब तक की स्थिति:

4 लोगों की मौत

10 से अधिक घायल

कई लोग अब भी मलबे में फंसे

राहत कार्य में शामिल टीमें:

एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल)

दमकल विभाग

दिल्ली पुलिस

मुख्यमंत्री का बयान:

मृतकों के परिजनों को मुआवजा

घायलों का मुफ्त इलाज

उच्चस्तरीय जांच के आदेश

स्थानीय लोगों की मांग:

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

सभी जर्जर इमारतों का तत्काल सर्वे

ग्राउंड रिपोर्ट

घटनास्थल पर मौजूद संवाददाता के अनुसार, पूरा इलाका धूल और मलबे से ढका हुआ है।

राहत कर्मी तेज़ी से ईंटों और लोहे की साखों को हटाकर फंसे हुए लोगों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं। जगह-जगह पर एम्बुलेंस तैनात हैं जो घायलों को तुरंत अस्पताल पहुँचा रही हैं।

परिवार के लोग अपने प्रियजनों की तलाश में रोते-बिलखते दिखाई दे रहे हैं।

इलाके में भारी भीड़ जमा हो गई है, जिसे नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मलबा बहुत भारी है और घनी बस्ती के बीच होने के कारण राहत कार्य में कठिनाइयाँ आ रही हैं।

बड़े क्रेन और विशेष उपकरणों की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।

दिल्ली सरकार ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा दी जाएगी और घटना की गहन जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।

प्रशासन ने प्रारंभिक जांच में यह पाया है कि इमारत में अवैध निर्माण कार्य भी हुआ था, जिसने इसके ढांचे को और कमजोर बना दिया था।

अधिकारियों ने यह भी संकेत दिए हैं कि इस मामले में नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही की भी जांच की जाएगी।

यह हादसा एक बार फिर राजधानी में जर्जर और अवैध इमारतों के संकट को उजागर करता है, जो समय रहते सुलझाया नहीं गया तो भविष्य में और भी बड़े हादसे हो सकते हैं।

मुस्तफाबाद

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