दिल्ली और पंजाब में तेज बारिश और 80 km/h की हवाओं से मौसम बदला। गर्मी से राहत, लेकिन जलभराव और फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ी।
2 मई 2025 को दिल्ली और पंजाब समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट ली। लंबे समय से पड़ रही भीषण गर्मी के बाद राजधानी दिल्ली में भारी बारिश हुई, जिससे लोगों को गर्मी से बड़ी राहत मिली। कई इलाकों में पानी भर गया और तेज हवाओं ने जनजीवन को प्रभावित किया। इसी तरह पंजाब में भी हवा की रफ्तार काफी तेज रही।

भारी बारिश से दिल्ली के हालात
दिल्ली में सुबह से ही मौसम में बदलाव देखने को मिला। रात तीन बजे के लगभग में काले बादल छा गए और फिर तेज बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के अनुसार, कुछ इलाकों में एक घंटे में 30 से 40 मिमी तक बारिश दर्ज की गई। बारिश के कारण:
सड़कों पर पानी भर गया, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
कई अंडरपास और निचले इलाके जलमग्न हो गए।
कुछ जगहों पर पेड़ गिरने की भी खबरें आईं, जिससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई।
तेज हवाओं की मार
बारिश के साथ 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इन तेज हवाओं की वजह से:
कई इलाकों में पेड़ उखड़ गए।
दुकानों और घरों के टीन शेड उड़ गए।
कुछ निर्माणाधीन साइट्स पर नुकसान की खबरें हैं।
हालांकि, इन हवाओं और बारिश ने दिल्लीवासियों को राहत जरूर दी है। बीते कुछ दिनों से राजधानी में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जिससे लोग बेहाल थे। मगर आज के मौसम ने कुछ ठंडक का एहसास कराया।
पंजाब में भी मौसम बदला
पंजाब के लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और जालंधर समेत कई शहरों में भी तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी हुई। हवाओं की गति 60-70 किमी प्रति घंटा तक रिकॉर्ड की गई। कुछ क्षेत्रों में ओले भी पड़े हैं। किसानों के लिए यह मौसम मिश्रित प्रभाव लेकर आया है:
जिन किसानों की फसल अभी तक नहीं कटी थी, उनको इससे नुकसान हुआ है
वहीं, गर्मी से राहत मिलने से आम लोगों को आराम जरूर मिला है।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही दिल्ली-एनसीआर और पंजाब के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया था। अगले 24 से 48 घंटे में भी मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर खुले में न निकलने और बिजली के खंभों से दूर रहने की चेतावनी दी गई है।
क्या कहता है विशेषज्ञ?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण हो रहा है। हिमालयी क्षेत्र में सक्रिय इस प्रणाली के कारण उत्तर भारत में नमी और ठंडी हवाएं पहुंच रही हैं, जिससे बारिश और तेज हवाओं का असर देखने को मिल रहा है।
वरिष्ठ मौसम विशेषज्ञ डॉ. आर. कुमार के अनुसार, “मई के पहले हफ्ते में इस तरह का मौसम असामान्य नहीं है, लेकिन इस बार तापमान बहुत अधिक था, जिससे अचानक बारिश ने बड़ा असर डाला है। अगले कुछ दिनों तक तापमान सामान्य से नीचे बना रह सकता है।”
जनता की प्रतिक्रिया

लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मौसम को लेकर राहत जताई।
ट्विटर और फेसबुक पर कई लोगों ने लिखा कि “भले ही बारिश से सड़कें जलमग्न हो गईं हों,
मगर गर्मी से राहत ने दिन बना दिया।”
वहीं, कुछ लोगों ने नगर निगम और प्रशासन पर सवाल उठाए
कि हर बार बारिश होते ही जलभराव की समस्या क्यों उत्पन्न होती है।
दिल्ली की स्थिति: प्रशासन अलर्ट पर
दिल्ली नगर निगम और PWD की टीमें जलभराव वाले इलाकों में पंप लगाकर पानी निकालने का कार्य कर रही हैं। कई इलाकों में ट्रैफिक पुलिस को भी तैनात किया गया है ताकि यातायात सुचारु रूप से चलता रहे। बिजली विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है और फॉल्ट्स को जल्द ठीक करने की कोशिशें जारी हैं।
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार:
दिल्ली और पंजाब में अगले 2-3 दिन तक आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे।
हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है।
हवाओं की गति सामान्य हो सकती है, लेकिन कुछ इलाकों में तेज़ झोंकों की संभावना बरकरार है।
निष्कर्ष
दिल्ली और पंजाब में आई इस बेमौसम बारिश और आंधी ने जहां लोगों को गर्मी से राहत दी,
वहीं इसके कुछ दुष्प्रभाव भी देखने को मिले।
जलभराव, ट्रैफिक जाम और फसलों को नुकसान जैसे मुद्दों ने प्रशासन के सामने चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कि यह बारिश फिलहाल तपते उत्तर भारत के लिए एक सुखद बदलाव लेकर आई है।