नई दिल्ली, 8 अप्रैल 2025: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दो कर्मचारियों द्वारा एक अमेरिकी नागरिक से 2,500 डॉलर (करीब ₹2 लाख) चोरी करने का मामला सामने आया है।
दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने भारत की सुरक्षा और ईमानदारी पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना सोमवार सुबह हुई, जब एक अमेरिकी पर्यटक ने शिकायत की कि सुरक्षा जांच के बाद उनके बैग से पैसे गायब हो गए हैं।
शिकायत मिलते ही CISF (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) और एयरपोर्ट अधिकारियों ने तुरंत जांच शुरू कर दी।

चोरी कैसे हुई?
FIR के अनुसार, पीड़ित का नाम जॉन मिलर है जो दिल्ली से न्यूयॉर्क की फ्लाइट पकड़ने जा रहे थे।
उन्होंने $2,500 एक लिफाफे में रखकर अपने बैग में रखा था।
सुरक्षा जांच के बाद जब उन्होंने अपना बैग देखा तो वह अधखुला था और लिफाफा गायब था।
CCTV फुटेज खंगालने पर देखा गया कि दो ग्राउंड स्टाफ के कर्मचारी संदिग्ध गतिविधियां कर रहे थे।
एक कर्मचारी को बैग संभालते हुए जल्दी से कुछ अपनी जेब में डालते हुए देखा गया।
तेज़ कार्रवाई
CISF और एयरपोर्ट पुलिस ने तुरंत दोनों कर्मचारियों को हिरासत में लिया।
उनकी पहचान राकेश कुमार (32) और सोहेल खान (29) के रूप में हुई है।
पूछताछ के दौरान एक ने चोरी की बात कबूल की और बताया कि पैसे कहां छिपाए गए थे।
बाद में स्टाफ रूम से लिफाफा बरामद कर लिया गया जिसमें पूरे $2,500 मौजूद थे।
पैसे वापस मिलने के बाद अमेरिकी नागरिक ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की सराहना की,
लेकिन साथ ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता भी जताई।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“यह मामला बहुत गंभीर है। दोनों आरोपियों को IPC की धारा 379 (चोरी) के तहत गिरफ्तार किया गया है
और एयरपोर्ट में इनकी एंट्री हमेशा के लिए बैन कर दी गई है।”
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के प्रवक्ता ने कहा:
“यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। हम पूरी तरह जांच में सहयोग कर रहे हैं और आउटसोर्स स्टाफिंग प्रक्रिया की फिर से समीक्षा की जाएगी।”
भारत की छवि पर असर
यह घटना देश की छवि पर असर डालती है, खासकर जब ऐसा एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर होता है जो लाखों यात्रियों को सेवाएं देता है। इस तरह की घटनाएं भारत की सुरक्षा व्यवस्था और ईमानदारी पर सवाल उठाती हैं।
अब मांग की जा रही है कि एयरपोर्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच, ट्रेनिंग और सरप्राइज ऑडिट किए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
अमेरिकी यात्री ने क्या कहा?
जॉन मिलर ने मीडिया से कहा:
“मैं शुक्रगुज़ार हूं कि मेरे पैसे वापस मिल गए, लेकिन यह एक डरावना अनुभव था। उम्मीद करता हूं कि आगे ऐसा किसी और के साथ न हो।”

निष्कर्ष: सुरक्षा व्यवस्था के लिए चेतावनी
यह घटना हमें यह सिखाती है कि केवल बाहरी सुरक्षा ही नहीं, बल्कि भीतर की ईमानदारी और निगरानी भी उतनी ही ज़रूरी है। भारत ने एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी निवेश किया है, लेकिन कर्मचारियों की सच्चाई और ज़िम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
फिलहाल, दोनों आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं और आगे की कार्रवाई जारी है।