चीन ने अमेरिका पर लगाया 125% टैरिफ, अमेरिका ने दिया 145% का जवाब। इस व्यापार युद्ध में भारत को कैसे मिल सकता है लाभ? जानें पूरी रिपोर्ट।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका द्वारा हाल ही में चीन से आयात होने वाले कई उत्पादों पर 145% तक का टैरिफ लगा दिया गया। इसका जवाब देते हुए चीन ने भी पलटवार किया और अमेरिका से आने वाले प्रमुख सामानों पर 125% टैरिफ ठोक दिया। इसने एक बार फिर दुनिया को एक नई ट्रेड वॉर की ओर धकेल दिया है।
चीन ने इस अमेरिकी कदम को “अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन” बताते हुए कहा है कि यह फैसला भविष्य में इतिहास में हास्यास्पद निर्णय माना जाएगा।
भारत के लिए सुनहरा मौका
इस ट्रेड वॉर के बीच भारत के लिए एक बड़ी आर्थिक संभावना बनकर उभरी है। खासकर मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में भारत को बड़ा फायदा हो सकता है।
उदाहरण: Apple जैसे ब्रांड यदि भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाते हैं, तो उन्हें अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी कीमत पर सामान बेचने में मदद मिल सकती है।
अमेरिका-चीन विवाद के कारण
चीन पर इलेक्ट्रिक व्हीकल, सोलर पैनल, सेमीकंडक्टर आदि पर सरकारी सब्सिडी देने का आरोप।
अमेरिका का दावा: ये सब्सिडी अमेरिकी कंपनियों को अनुचित प्रतिस्पर्धा में डालती हैं।
चीन का विरोध: अमेरिका की नीति WTO नियमों के खिलाफ है।
भारत कैसे बन सकता है अगला मैन्युफैक्चरिंग हब?
मेक इन इंडिया और PLI स्कीम का लाभ
अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों में मजबूती
चीन से बाहर आ रही कंपनियों के लिए भारत पहली पसंद बनता जा रहा है
विशेषज्ञों की राय
“अगर भारत इस मौके का सही उपयोग करता है, तो आने वाले 5 वर्षों में वह इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में चीन का मजबूत विकल्प बन सकता है।”
– डॉ. अंशुल गुप्ता, ग्लोबल ट्रेड एक्सपर्ट
