6-7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सन्दूर’ के तहत 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया। इस ऐतिहासिक कार्रवाई की जानकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी ने साझा की। जानिए इस ऑपरेशन की रणनीति, नाम का महत्व और राजनीतिक प्रतिक्रिया।
प्रस्तावना: जब राष्ट्र की आत्मा पर हमला हुआ

भारत की सेना ने 6-7 मई 2025 की रात अपने दुश्मनों को करारा जवाब दिया।
यह जवाब सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि देश की आत्मा पर हुए बार-बार के हमलों का निर्णायक उत्तर था।
इस जवाबी कार्रवाई को “ऑपरेशन सन्दूर” नाम दिया गया – एक ऐसा नाम जो शहादत, बलिदान और संकल्प का प्रतीक बन गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत: सच्चाई को सामने लाने की जिम्मेदारी
भारतीय सेना और विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस ऑपरेशन की जानकारी साझा की गई।
इसकी शुरुआत एक विशेष वीडियो से हुई, जिसमें भारत पर पिछले दो दशकों में हुए आतंकवादी हमलों की झलकियाँ दिखाई गईं।
वीडियो में क्या दिखाया गया?
इस वीडियो में संसद पर हमला, मुंबई बम ब्लास्ट, पुलवामा हमला, उरी और पठानकोट जैसे खौफनाक हमलों के दृश्य दिखाए गए।
इन सभी घटनाओं ने भारत को झकझोर कर रख दिया था,
और आज तक उन घावों के निशान भारतीय नागरिकों के मन में ताजे हैं।
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का बयान: हर शब्द में था आक्रोश और गर्व
भारतीय सेना की वरिष्ठ अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संयुक्त रूप से मीडिया के सामने आकर ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी साझा की।
दोनों अधिकारियों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि:
“भारत ने यह कार्रवाई अपने मासूम नागरिकों के खून का बदला लेने के लिए की है।
यह हमारा हक है, और यह कार्रवाई हमारी संप्रभुता की रक्षा के लिए आवश्यक थी।”
उन्होंने प्रेस को बताया कि कैसे सटीक खुफिया सूचना, तकनीकी दक्षता और
सीमित समय में मिली कार्रवाई की अनुमति ने इस ऑपरेशन को अत्यंत सफल बनाया।
कहाँ-कहाँ हुआ हमला?
ऑपरेशन के दौरान कुल 9 ठिकानों पर हमला किया गया।
ये सभी स्थान उन क्षेत्रों में स्थित थे जहाँ से भारत पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाई जा रही थी।
इन ठिकानों में आतंकी ट्रेनिंग कैंप्स, हथियारों के गोदाम और ऑपरेशनल कमांड सेंटर शामिल थे।
ऑपरेशन सन्दूर का नाम और नेतृत्व: एक महिला शक्ति का उदाहरण
प्रधानमंत्री मोदी ने दिया ‘सन्दूर’ नाम

सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन को ‘सन्दूर’ नाम देने का सुझाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं दिया था।
यह नाम शहादत और माँ के प्रतीक ‘सिन्दूर’ से प्रेरित है – जो हर भारतीय महिला की अस्मिता और देश के लिए दिए गए बलिदानों का प्रतीक भी है।
ऑपरेशन का समय और तकनीकी रणनीति
हमला कब और कैसे हुआ?
ऑपरेशन सन्दूर को 6-7 मई 2025 की रात अंजाम दिया गया। कार्रवाई की शुरुआत रात 1:05 बजे हुई और यह करीब 1:30 बजे तक चली।
महज 25 मिनट में भारतीय सेना ने दुश्मन के मनसूबों को चकनाचूर कर दिया।
तकनीक और टैलेंट का संगम
इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक ड्रोन, सैटेलाइट इंटेलिजेंस और लड़ाकू विमानों का संयोजन किया गया।
MEA की भूमिका: पहले ही थी पूरी तैयारी
विदेश मंत्रालय ने इस ऑपरेशन से पहले ही एक विशेष ब्रीफिंग आयोजित की थी,
जिसमें सभी आवश्यक राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई थी।
भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यदि देश की सुरक्षा को खतरा हुआ, तो जवाबी कार्रवाई की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संदेश
भारत की इस रणनीति का एक उद्देश्य यह भी था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह दिखाया जा सके कि आतंकवाद के खिलाफ भारत अब केवल बात नहीं,
बल्कि ठोस कार्रवाई में विश्वास करता है।
नागरिकों की भावना: एकजुटता और समर्थन
इस ऑपरेशन के बाद पूरे देश में गर्व और राहत की भावना देखी गई।
सोशल मीडिया से लेकर समाचार चैनलों तक, हर जगह भारत की सेना की तारीफ हो रही है।
नागरिकों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल सही थी, बल्कि जरूरी भी थी।
शहीदों के परिवारों की प्रतिक्रिया
कई शहीदों के परिवारों ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा:
“हमें गर्व है कि हमारे बेटे की शहादत व्यर्थ नहीं गई। भारत ने बता दिया है कि अब कोई हमला चुपचाप नहीं सहा जाएगा।”
विश्लेषण: यह सिर्फ हमला नहीं, एक संदेश है
रणनीति से किया गया संचालन
ऑपरेशन सन्दूर सिर्फ गोलियों और बमों की गूंज नहीं था, बल्कि एक सूक्ष्म रणनीति का परिणाम था।
सेना की प्रत्येक इकाई को विशेष प्रशिक्षण और लक्ष्य दिया गया था, जिससे हर लक्ष्य सटीकता से भेदा जा सका।
भविष्य की चेतावनी
यह ऑपरेशन उन ताकतों के लिए चेतावनी है जो भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश करते हैं।
यह दिखाता है कि भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक और सक्रिय सुरक्षा नीति अपना चुका है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: समर्थन की लहर
भारत के प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और विपक्ष के नेताओं ने भी सेना की इस कार्रवाई की सराहना की है।
प्रधानमंत्री ने कहा:
“हमारी सेना पर हमें गर्व है। यह जवाब उन सभी के लिए है जो भारत की शांति को कमजोरी समझते हैं।”
निष्कर्ष: भारत बदला है – अब चुप नहीं बैठेगा
ऑपरेशन सन्दूर 2025 यह स्पष्ट करता है कि नया भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा।
भारत ने दुनिया को बता दिया है कि जब बात अपने नागरिकों की सुरक्षा की हो,
तो वह किसी सीमा तक जा सकता है।
यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं था, यह न्याय की पुकार थी।
यह सिर्फ एक कार्रवाई नहीं थी, यह एक राष्ट्र की गरिमा की रक्षा थी।
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