उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक महिला रील (वीडियो) बनाते समय भागीरथी नदी में बह गई।
बताया जा रहा है कि महिला नेपाल की रहने वाली थी और उत्तरकाशी घूमने आई थी।
घटना के समय वह नदी के किनारे खड़ी होकर वीडियो बना रही थी और उसी दौरान उसने नदी में डुबकी लगाई।
पानी का बहाव तेज होने के कारण वह अपना संतुलन खो बैठी और बह गई।
उसकी उम्र करीब 30 वर्ष बताई जा रही है और उसके साथ उसकी 11 साल की बच्ची भी थी, जो ये सब देखती रह गई।
स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू टीम ने महिला की तलाश शुरू कर दी है,
लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।
यह घटना सोशल मीडिया के लिए रील बनाने की बढ़ती लत
और उसके खतरनाक परिणामों की एक और मिसाल बन गई है।
ऐसे और भी कई मामले सामने आए हैं:

1. हरियाणा में युवक ट्रेन की पटरी पर रील बनाते समय कट गया
कुछ महीने पहले हरियाणा में एक युवक ट्रेन के सामने स्टंट करते हुए वीडियो बना रहा था।
वह वीडियो में खुद को ‘डर के आगे जीत है’ कहता दिख रहा था,
लेकिन संतुलन बिगड़ने के कारण वह ट्रेन की चपेट में आ गया और मौके पर ही मौत हो गई।
2. राजस्थान में ऊँट की सवारी करते समय महिला गिरी और सिर में गहरी चोट लगी
राजस्थान के जैसलमेर में एक महिला ऊँट की सवारी करते समय वीडियो बना रही थी।
अचानक ऊँट ने तेज़ी से झटका दिया और वह नीचे गिर गई,
जिससे उसके सिर में गंभीर चोटें आईं। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया,
लेकिन कुछ दिनों बाद उसकी मौत हो गई।
3. मुंबई में समुद्र के किनारे सेल्फी लेते समय युवक बह गया
मुंबई के जुहू बीच पर एक 21 वर्षीय युवक सेल्फी लेते समय पानी के करीब चला गया।
एक तेज लहर आई और वह समुद्र में बह गया।
उसका फोन रेकॉर्डिंग मोड में था, जिससे पूरा हादसा कैमरे में कैद हो गया।
4. केदारनाथ में बर्फीली चट्टानों पर वीडियो बनाते समय फिसल कर युवक की मौत
हाल ही में एक युवक केदारनाथ यात्रा के दौरान बर्फीली चट्टानों पर चढ़कर वीडियो बना रहा था। पैर फिसलने के कारण वह गहरी खाई में गिर गया और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
क्या रील की एक वीडियो जान से ज़्यादा क़ीमती है?
यह सवाल अब बार-बार उठ रहा है कि आखिर लोगों को रील बनाने का इतना जुनून क्यों हो गया है कि वे अपनी जान की भी परवाह नहीं करते। सोशल मीडिया पर लाइक्स और फॉलोअर्स के पीछे भागना अब एक जानलेवा खेल बन चुका है।
प्रशासन और परिवारों को चाहिए कि वे युवाओं और बच्चों को इस बढ़ती लत से बचाने के लिए जागरूक करें। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी ऐसे खतरनाक कंटेंट को प्रमोट करने से रोकने के लिए सख्ती करनी चाहिए।
