“अब हम नौकर नहीं, मालिक हैं” – प्रधानमंत्री मोदी ने मुद्रा योजना की तारीफ करते हुए लाभार्थियों की सफलता की कहानियों को बताया प्रेरणादायक

प्रधानमंत्री

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) की खुलकर तारीफ की और कहा कि यह योजना देश के करोड़ों लोगों की आर्थिक आत्मनिर्भरता का माध्यम बन चुकी है।

उन्होंने योजना के लाभार्थियों से बातचीत करते हुए कहा कि मुद्रा योजना ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को अपने सपने पूरे करने का अवसर दिया है।

इस मुलाकात के दौरान देश भर से आए मुद्रा योजना के लाभार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए।

एक लाभार्थी ने गर्व से कहा,

पहले हम किसी के यहां नौकरी करते थे, लेकिन आज अपने खुद के व्यवसाय के मालिक हैं। मोदी जी की योजना ने हमारी जिंदगी बदल दी।”

क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी।

इसका उद्देश्य था – माइक्रो यूनिट्स (छोटे व्यापारियों, रेहड़ी वालों, महिलाओं, स्टार्टअप्स आदि) को बैंक से बिना किसी गारंटी के ऋण उपलब्ध कराना।

योजना के तहत तीन कैटेगरी में लोन दिए जाते हैं:

1. शिशु लोन – ₹50,000 तक

2. किशोर लोन – ₹50,000 से ₹5 लाख तक

3. तरुण लोन – ₹5 लाख से ₹10 लाख तक

अब तक इस योजना के तहत 40 करोड़ से अधिक ऋण वितरित किए जा चुके हैं

और ₹23 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि वितरित की जा चुकी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री ने कहा,

मुद्रा योजना सिर्फ एक आर्थिक योजना नहीं, बल्कि एक सामाजिक क्रांति है।

यह उन लोगों के सपनों की उड़ान है जिन्हें पहले कभी मौका नहीं मिला।

उन्होंने बताया कि पहले देश में छोटे व्यापारियों को कोई बैंक ऋण नहीं देता था,

लेकिन मुद्रा योजना ने इस मानसिकता को बदला है।

अब बिना किसी गारंटी के छोटे व्यापारियों को भी सम्मान और आत्मनिर्भरता मिल रही है।

लाभार्थियों की कहानियां बनी प्रेरणा

इस कार्यक्रम में कई लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने अपनी कहानियां रखीं।

रीना देवी (बिहार) ने कहा:

“मैं पहले घरों में काम करती थी, लेकिन जब मुझे मुद्रा योजना से ₹50,000 का लोन मिला,

तो मैंने सिलाई का काम शुरू किया। अब मेरे पास तीन मशीनें हैं और दो महिलाओं को काम दे रही हूँ।”

राजेश कुमार (उत्तर प्रदेश) ने बताया:

“मुझे शिशु लोन से शुरू में ₹40,000 मिला

मैंने मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान शुरू की।

आज मेरी दुकान में चार कर्मचारी हैं और महीने की आमदनी ₹60,000 तक है।”

महिलाओं को मिला आत्मनिर्भरता का बल

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया कि मुद्रा योजना ने देश की महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त किया है।

आंकड़ों के मुताबिक, मुद्रा योजना के 68% से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं।

मोदी ने कहा,

“जो महिलाएं पहले सिर्फ घर तक सीमित थीं, अब वो खुद का बिजनेस चला रही हैं।

मुद्रा योजना ने उन्हें सम्मान और पहचान दी है।”

रोजगार के नए अवसर

इस योजना के माध्यम से छोटे व्यापारियों ने न सिर्फ खुद को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने लगे हैं। प्रधानमंत्री ने इसे “रोजगार का multiplier effect” बताया।

उन्होंने कहा,

“एक व्यक्ति को लोन मिलता है, वह खुद का काम शुरू करता है और फिर दूसरों को भी काम पर रखता है। इससे समाज और देश दोनों आगे बढ़ते हैं।”

विपक्ष के आरोपों का जवाब

कुछ विपक्षी दलों द्वारा मुद्रा योजना को लेकर उठाए गए सवालों पर अप्रत्यक्ष रूप से टिप्पणी करते हुए मोदी ने कहा:

“जिन्हें गरीब की ताकत पर भरोसा नहीं, वो हमेशा योजनाओं पर सवाल उठाते हैं। लेकिन आज लाखों लोग खुद बता रहे हैं कि कैसे उनकी जिंदगी बदली है।”

प्रधान मंत्री

डिजिटल इंडिया और मुद्रा योजना का गठजोड़

मोदी ने यह भी बताया कि कैसे डिजिटल इंडिया पहल ने मुद्रा योजना की सफलता को और तेज़ किया है। अब लोन के लिए अप्लाई करना आसान हो गया है, और लोन ट्रैकिंग से लेकर EMI भुगतान तक सब कुछ मोबाइल से संभव है।

बदलाव की नई तस्वीर

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आज भारत के उन करोड़ों लोगों की आशा बन चुकी है, जिन्हें पहले कभी बैंकों के दरवाज़े पर खड़ा होना भी मुश्किल लगता था।

आज वे कह रहे हैं –

“हम अब किसी के नौकर नहीं, खुद के मालिक हैं।”

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